पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को राशन भ्रष्टाचार मामले में जमानत मिल गई है। ईडी की विशेष अदालत ने उन्हें पांच लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी। मल्लिक, जो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं, को 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के करीब चौदह महीने बाद उन्हें जमानत मिली है।
पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी और जमानत की प्रक्रिया
इससे पहले राशन भ्रष्टाचार मामले में बाकिबुर रहमान और शंकर अधीरा को जमानत मिल चुकी थी। कोर्ट ने कहा कि मल्लिक को जमानत दी जा रही है क्योंकि ईडी अब तक पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई है। न्यायाधीश प्रशांत मुखर्जी ने टिप्पणी की, “वह लंबे समय से जेल में हैं और अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।”
राशन भ्रष्टाचार की जांच और गिरफ्तारी
केंद्रीय एजेंसी को शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान राशन भ्रष्टाचार का पता चला था। इसके बाद बाकिबुर रहमान, एक चावल मिल मालिक, को गिरफ्तार किया गया और फिर मल्लिक को भी गिरफ्तार किया गया।
जमानत के लिए मल्लिक की दलीलें
ज्योतिप्रिय मल्लिक लंबे समय से जमानत के लिए आवेदन कर रहे थे। कभी उन्होंने अदालत में खुद को निर्दोष बताया तो कभी अपनी शारीरिक स्थिति का हवाला दिया। हालांकि, बार-बार जमानत के आवेदन को खारिज कर दिया गया।
कोर्ट में ईडी की ओर से सबूतों का अभाव
ईडी ने मल्लिक को प्रभावशाली करार दिया था और कहा था कि अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित हो सकती है। लेकिन अदालत ने इस पर विचार करते हुए जमानत दी। सभी आरोपियों को जमानत मिलने के बावजूद मल्लिक को क्यों हिरासत में रखा गया, यह सवाल भी अदालत के सामने आया।
सशर्त जमानत
कोर्ट ने मल्लिक को सशर्त जमानत दी है। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने और जांच में सहयोग देने का आदेश दिया गया। साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि मल्लिक इस मामले पर मीडिया से बात नहीं करेंगे।
वकील का बयान
मल्लिक के वकील शमीम अहमद ने कहा, “जांच एजेंसी के खिलाफ अब जांच करने का समय आ गया है, क्योंकि हर बार अदालती आदेश के बाद जांच की गति धीमी हो जाती है। सबूतों के अभाव में अपराधियों को रिहा किया जा रहा है। यह बार-बार क्यों हो रहा है? जिन एजेंसियों को निष्पक्ष माना जा रहा है, वे खुद को साबित कर रही हैं कि वे निष्पक्ष नहीं हैं।”
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