एक समय था जब क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना आसान नहीं था। सरकारी बैंक तो क्रेडिट कार्ड की लिमिट के बराबर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराने के बाद ही क्रेडिट कार्ड जारी करते थे। लेकिन अब ऐसा समय आ चुका है जब रोजाना 5 से 7 कॉल क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आती हैं। इन कॉल्स में से ज्यादातर में लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड और 3 से 5 लाख रुपए तक की लिमिट देने का वादा किया जाता है।
जब आप बैंक जाते हैं तो वहां आपको सालाना 500 से 1000 रुपए की फीस पर क्रेडिट कार्ड देने की बात कही जाती है। ऐसे में अब आप सोच सकते हैं कि एक ओर जहां हमें लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर बैंक में सालाना शुल्क चुकाना पड़ रहा है। इसीलिए, हम आपके लिए क्रेडिट कार्ड के दोनों प्रकारों के बारे में पूरी जानकारी यहां दे रहे हैं।
फ्री क्रेडिट कार्ड
जो क्रेडिट कार्ड मोबाइल पर बनवाने के लिए कॉल आती हैं, उनमें से अधिकांश में लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड और अच्छी खासी लिमिट देने का दावा किया जाता है। हालांकि, इनमें से बहुत ही कम क्रेडिट कार्ड ऐसे होते हैं जिनमें आपको ई-कॉमर्स साइट्स और अन्य जगहों पर अच्छे ऑफर्स मिलते हैं। इसके अलावा, इन फ्री क्रेडिट कार्ड में रिवॉर्ड पॉइंट्स भी बहुत मुश्किल से मिलते हैं।
फ्री क्रेडिट कार्ड देने वाली बैंक और फाइनेंशियल एजेंसियां, बकाया राशि के भुगतान में देरी करने पर भारी जुर्माना वसूलती हैं। साथ ही, इन कार्ड्स पर ब्याज दर भी अधिक होती है।
एनुअल फीस वाले क्रेडिट कार्ड
जो बैंक सालाना शुल्क (एनुअल फीस) पर क्रेडिट कार्ड जारी करती हैं, उन पर आपको खर्च किए गए क्रेडिट पर रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलते हैं। इसके अलावा, बकाया राशि का भुगतान समय पर न करने पर जुर्माना बहुत कम लगता है। साथ ही, इन कार्ड्स पर आपको ई-कॉमर्स साइट्स पर कई बेहतरीन ऑफर्स भी मिलते हैं।
यह भी जानना जरूरी है
अगर आपके बैंक अकाउंट से अच्छे ट्रांजेक्शन हो रहे हैं और आपका क्रेडिट रिकॉर्ड अच्छा है, तो बैंक आपको फ्री में क्रेडिट कार्ड ऑफर कर सकते हैं। इन फ्री कार्ड्स पर भी आपको वह सभी सुविधाएं मिलती हैं, जो एनुअल फीस वाले क्रेडिट कार्ड में मिलती हैं। हालांकि, क्रेडिट कार्ड लेने से पहले अपनी फाइनेंशियल कंडीशन का अच्छी तरह से आंकलन करना जरूरी है।
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