ब्रिटेन की लेबर पार्टी की मंत्री और शेख हसीना की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर दबाव बढ़ रहा है कि वह उन्हें अपने पद से हटा दें। बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने इस आरोप का हवाला देते हुए कहा कि यह एक ‘विडंबना’ है कि ट्यूलिप सिद्दीक जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली मंत्री हैं, उनके ऊपर खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
ट्यूलिप सिद्दीक पर आरोप
सिद्दीक पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश की पूर्व सरकार के समर्थकों से संपत्तियां ली हैं। यूनुस ने सिद्दीक के इन आरोपों की जांच के लिए भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (ACC) से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह संपत्तियां बांग्लादेश को वापस की जानी चाहिए, क्योंकि ये अवामी लीग के सहयोगियों द्वारा खरीदी गई हैं।”
सिद्दीक का बचाव
हालांकि, ट्यूलिप सिद्दीक ने इन आरोपों से इनकार किया है और स्वतंत्र जांच करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि वह किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हैं और इस मामले की पारदर्शी तरीके से जांच होनी चाहिए। बांग्लादेश की सरकार की आलोचना के बावजूद सिद्दीक अपने बचाव में मजबूती से खड़ी हैं।
विपक्षी नेताओं का हमला
सिद्दीक पर लगे आरोपों के बाद, विपक्षी नेता भी इस मामले को लेकर हमलावर हो गए हैं। विपक्षी नेता केमी बेडेनोच ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से सिद्दीक को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “स्टार्मर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले मंत्री की नियुक्ति की, लेकिन वही मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसी हुई हैं।”
22 करोड़ रुपये की संपत्ति में रहती हैं सिद्दीक
संडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूलिप सिद्दीक के पास हैम्पस्टेड में एक महंगा फ्लैट है, जो 2005 में बांग्लादेशी व्यापारियों से जुड़ी एक कंपनी ने गिफ्ट किया था। बाद में यह संपत्ति सिद्दीक की बहन को दी गई थी, और सिद्दीक उसमें रहने लगीं। इसके अलावा, उनके पास किंग्स क्रॉस में भी एक फ्लैट है, जो 2004 में अब्दुल मोतालिफ ने उन्हें दिया था। इस संपत्ति को अब उन्होंने किराए पर दे रखा है, और वह फिलहाल यूके अवामी लीग के कार्यकारी सदस्य अब्दुल करीम नाज़िम के घर पर किराए पर रह रही हैं, जिसकी कीमत लगभग 2.1 मिलियन पाउंड (22 करोड़ रुपये) है।
निष्कर्ष
ट्यूलिप सिद्दीक पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप ब्रिटेन में राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गए हैं। विपक्षी नेताओं और बांग्लादेश सरकार द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने के बावजूद, सिद्दीक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। अब देखना यह होगा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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