उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक ऐतिहासिक चमत्कार देखने को मिला जब 46 साल से बंद पड़े एक मंदिर के पास स्थित कुएं से तीन खंडित मूर्तियां निकलीं। बताया जा रहा है कि ये मूर्तियां मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की हैं। सोमवार को जब श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे, तो इस अद्भुत घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
खंडित मूर्तियों का रहस्य
संभल के इस प्राचीन मंदिर के आसपास मौजूद अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन ने मंदिर को फिर से खोलने का निर्णय लिया। मंदिर के पास ही स्थित एक कुएं की खुदाई शुरू की गई थी, जो वर्षों पहले मिट्टी से पाट दिया गया था। खुदाई के तीसरे दिन कुएं से सबसे पहले मां पार्वती की खंडित प्रतिमा निकली, जिसके बाद भगवान कार्तिकेय और गणेश जी की मूर्तियां भी मिलीं। मां पार्वती की मूर्ति का चेहरा टूटा हुआ पाया गया।
खुदाई के तीसरे दिन कुएं से सबसे पहले मां पार्वती की खंडित प्रतिमा निकली, जिसके बाद भगवान कार्तिकेय और गणेश जी की मूर्तियां भी मिलीं। मां पार्वती की मूर्ति का चेहरा टूटा हुआ पाया गया।
यह मंदिर 1978 से बंद पड़ा था और इसके आसपास अतिक्रमण हो गया था। खग्गू सराय इलाके में पहले हिंदू परिवार रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोग वहां से स्थानांतरित हो गए और मंदिर भी बंद हो गया। जिला प्रशासन ने शनिवार को मंदिर की सफाई करवाई और पहली बार इतने वर्षों बाद इसे भक्तों के लिए खोला। शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की सफाई खुद पुलिसकर्मियों ने की, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
46 साल बाद मंदिर खुलने के बाद भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। रविवार और सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे।
संभल के एसपी शिरीष चंद्र ने बताया कि यह कुआं पहले मंदिर के लिए इस्तेमाल होता था, लेकिन बाद में इसे मिट्टी से पाट दिया गया था। अब जब इसे खोदा जा रहा है, तो इस दौरान मूर्तियां मिली हैं। प्रशासन ने मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटा दिया है और अब विधिवत पूजा-पाठ शुरू हो चुका है।
आगे की योजना
अब यह मंदिर हर रोज भक्तों के लिए खुला रहेगा, और यहां नियमित रूप से पूजा-पाठ और जलाभिषेक किया जाएगा। स्थानीय श्रद्धालु सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कुएं की खोदाई करीब 15-20 फीट तक हो चुकी है और इसके दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं।
खग्गू सराय के इस प्राचीन मंदिर के फिर से खुलने के साथ, संभल के भक्तों में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है। लंबे समय से बंद पड़े इस मंदिर के पुनरुद्धार के साथ, यह स्थान एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।