बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भारत में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में योग गुरु बाबा रामदेव भी शामिल हुए और उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बाबा रामदेव ने कहा, “यह केवल हिंदुओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ भारत और दुनिया के करोड़ों लोग खड़े हैं। अगर उनके खिलाफ जारी अत्याचार नहीं रुके, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”
उन्होंने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि उसे बांग्लादेश में हिंदुओं की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए। बाबा रामदेव ने यह भी कहा, “मैं अपने संगठन और भारत के लोगों की ओर से बांग्लादेश के हिंदुओं की आर्थिक मदद के लिए तैयार हूं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), और पूरे हिंदू समाज को इस संकट में एकजुट रहना चाहिए।
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ भारत के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राजस्थान में इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए प्रतिष्ठित व्यक्तियों के एक समूह ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन की मुख्य मांगें:
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बांग्लादेश में हो रही हिंसा को रोकने की अपील।
मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना भेजने की मांग। - हिंदू समुदाय के पुनर्वास और क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया शुरू करना।
- संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल भेजकर बांग्लादेश की स्थिति की जांच करना।
- बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ा अत्याचार
घटनाओं के उदाहरण:
- इस्कॉन मंदिरों पर हमले।
- मूर्तियों को अपमानित करने की घटनाएं।
- हिंदुओं के घरों पर हमले और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एनके जैन ने कहा कि भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
“हमने राज्यपाल से मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के नाम ज्ञापन सौंपा है। हमारी मांग है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रोकी जाए और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की जाए।”
योग गुरु बाबा रामदेव के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र से अपील की गई है कि वह बांग्लादेश में शांति और मानवाधिकारों की बहाली के लिए सक्रिय कदम उठाए। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इस मुद्दे को दबाने के बजाय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से उठाया जाना चाहिए।
बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार केवल एक समुदाय का मामला नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकार और नैतिकता से जुड़ा मुद्दा है। भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि सभी को शांति और सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल सके।