दालें जो मधुमेह में नुकसान पहुंचा सकती हैं, जाने कौन सी दाल नहीं खानी चाहिए

शुगर के मरीजों के लिए संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। दालें प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत होती हैं, लेकिन शुगर के मरीजों को कुछ दालों का सेवन करने में सावधानी बरतनी चाहिए।

कौन सी दालें नहीं खानी चाहिए?

  • उड़द की दाल: उड़द की दाल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है।
  • अरहर की दाल: अरहर की दाल में भी कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

कौन सी दालें खा सकते हैं?

  • मूंग दाल: मूंग दाल में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह आसानी से पच जाती है।
  • मसूर की दाल: मसूर की दाल में भी प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
  • चने की दाल: चने की दाल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह लंबे समय तक पेट भरा रखती है।
  • तोरी की दाल: तोरी की दाल में कैलोरी कम होती है और यह वजन घटाने में मदद कर सकती है।

दालों का सेवन कैसे करें?

  • सीमित मात्रा में: दालों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  • अन्य सब्जियों के साथ: दालों को अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर खाएं।
  • घी या तेल कम लगाएं: दालों को बनाने के लिए कम तेल या घी का इस्तेमाल करें।
  • दाल की रोटी या चपाती खाएं: आप दाल की रोटी या चपाती भी बना सकते हैं।

क्यों कुछ दालें शुगर के मरीजों के लिए बेहतर होती हैं?

  • फाइबर: फाइबर ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देता है और आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है।
  • प्रोटीन: प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है और आपको ऊर्जा प्रदान करता है।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: कुछ दालों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि वे ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते हैं।

ध्यान दें:

  • हर व्यक्ति अलग होता है, इसलिए किसी विशेष दाल के प्रति आपकी प्रतिक्रिया अलग हो सकती है।
  • अपने आहार को लेकर किसी भी बदलाव से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष:

शुगर के मरीजों के लिए दालों का सेवन फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उन्हें सही प्रकार की दाल और सही मात्रा में खाना चाहिए।

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