स्पॉन्डिलाइटिस एक तरह की सूजन वाली बीमारी है जो मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और इससे पीठ, गर्दन और कूल्हे में दर्द होता है।
स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
- पीठ में दर्द: यह सबसे आम लक्षण है। दर्द आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होता है और दिन भर रह सकता है। सुबह उठने पर दर्द अधिक होता है और गतिविधि करने से कम होता है।
- कठोरता: सुबह उठने पर या लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने के बाद रीढ़ की हड्डी में कठोरता महसूस होती है।
- थकान: इस बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं।
- बुखार: कुछ मामलों में बुखार भी हो सकता है।
- वजन कम होना: कुछ मामलों में वजन कम हो सकता है।
- आंखों में सूजन: कुछ लोगों को आंखों में सूजन भी हो सकती है।
स्पॉन्डिलाइटिस के कारण
स्पॉन्डिलाइटिस का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण होता है।
स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज
स्पॉन्डिलाइटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसका इलाज करके दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है और रोगी की जीवनशैली में सुधार किया जा सकता है।
- दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर दर्द निवारक दवाएं, स्टेरॉयड और अन्य दवाएं लिख सकते हैं।
- फिजियोथेरेपी: फिजियोथेरेपी से रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता को बढ़ाने और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम से रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने और लचीला बनाने में मदद मिलती है।
- गर्मी और बर्फ का सेक: गर्मी और बर्फ का सेक दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
- जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार लेना, धूम्रपान छोड़ना और तनाव कम करना भी महत्वपूर्ण है।
स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव
स्पॉन्डिलाइटिस से पूरी तरह बचाव करना संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर आप इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं:
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
- स्वस्थ आहार लें।
ध्यान दें: यदि आपको स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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