झारखंड में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक साथ कई जगहों पर रेड डाली। ‘जल जीवन मिशन’ में अनियमितता को लेकर आईएएस मनीष रंजन समेत मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पीएस और कई विभागीय इंजीनियर्स के यहां छापेमारी की सूचना है।
जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर और निजी सचिव हरेंद्र सिंह के घर पर छापेमारी हुई है। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम 20 ठिकानों पर पहुंची। जहां भी ईडी ने छापेमारी की है, वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है और आवश्यकता के अनुसार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
कुछ दिन पहले हजारीबाग में भारतीय जनता पार्टी की एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया था। उन्होंने यह कहा था कि झारखंड में केंद्र की योजनाओं में घोटाला किया जा रहा है।
बता दें कि झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पास पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा मामले विभाग की जिम्मेदारी है। ये झारखंड के गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर सदन में पहुंचे हैं। इससे पहले झारखंड सरकार के ही पूर्व मंत्री आलमगीर आलम कैश कांड में फंसे थे। इस मामले को लेकर वो फिलहाल जेल में बंद हैं।
झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपी पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम को ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वह होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। आलमगीर आलम ने 19 जुलाई को जमानत की गुहार लगाते हुए पीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ एजेंसी के पास ठोस सबूत नहीं हैं। उन्हें सिर्फ दूसरे आरोपियों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
हेमंत सोरेन और उसके बाद चंपई सोरेन की कैबिनेट में आलमगीर आलम नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री होते थे। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी थे। जेल जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इन दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया था।
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