भारत की दो बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों- गोदरेज प्रॉपर्टीज और मैक्रोटेक डेवलपर्स ने अप्रैल-सितंबर के दौरान 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां बेची हैं।
महंगे घरों की मजबूत मांग के चलते दोनों कंपनियों की संयुक्त बिक्री में सालाना आधार पर 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं को गोदरेज ब्रांड के तहत, जबकि मैक्रोटेक डेवलपर्स अपनी संपत्तियों का विपणन ‘लोढ़ा’ ब्रांड के तहत करती है।
चालू वित्त वर्ष (2024-25) की पहली छमाही के दौरान गोदरेज प्रॉपर्टीज ने 13,800 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां बेचीं। इस दौरान मैक्रोटेक डेवलपर्स की बिक्री बुकिंग 8,320 करोड़ रुपये रही। इनमें से अधिकांश बिक्री आवासीय इकाइयों की थी।
अप्रैल-सितंबर, 2024 के दौरान मुंबई स्थित दोनों रियल एस्टेट कंपनियों की संयुक्त बिक्री बुकिंग 22,120 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में दोनों कंपनियों ने 14,178 करोड़ रुपये की बिक्री की थी।
हालिया परिचालन आंकड़ों के अनुसार, गोदरेज प्रॉपर्टीज की बिक्री बुकिंग मूल्य इस वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान सालाना आधार पर 89 प्रतिशत बढ़कर 13,800 करोड़ रुपये से अधिक हो गई, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में यह 7,288 करोड़ रुपये थी।
मैक्रोटेक डेवलपर्स ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उसकी बिक्री बुकिंग 21 प्रतिशत बढ़कर 8,320 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6,890 करोड़ रुपये थी।
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने इस अवधि में अबतक का सबसे अधिक बिक्री बुकिंग मूल्य हासिल किया है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज और मैक्रोटेक डेवलपर्स, दोनों ने 2024-25 वित्त वर्ष के लिए अपने बिक्री बुकिंग लक्ष्य को प्राप्त करने का भरोसा व्यक्त किया है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पूरे वित्त वर्ष के लिए 27,500 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग का लक्ष्य रखा है, जबकि मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 17,500 करोड़ रुपये की बिक्री का अनुमान दिया है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बिक्री बुकिंग के मामले में सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी बन गई।
पिछले वित्त वर्ष में गोदरेज प्रॉपर्टीज की बिक्री बुकिंग 84 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 22,527 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 12,232 करोड़ रुपये थी।
मैक्रोटेक डेवलपर्स ने बिक्री बुकिंग में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह रिकॉर्ड 14,520 करोड़ रुपये हो गई, जबकि उससे एक वर्ष पूर्व यह 12,060 करोड़ रुपये थी।
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