सच्चिदानंद जोशी के लघु कथा संग्रह ‘लो हैंगिंग फ्रूट्स’ का विमोचन

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी की लघु कथा संग्रह ‘लो हैंगिंग फ्रूट्स’ का विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता लेडी किश्वर देसाई और मदन मोहन चतुर्वेदी मौजूद रहे।

लेखक डॉ. जोशी ने कहा कि यह पुस्तक जीवन के उस दर्शन से लोगों को रूबरू कराएगी जिसमें सच्ची खुशियां रोजमर्रा के छोटे-छोटे पलों में निहित होती हैं। अक्सर, बड़ी चीजों की हमारी खोज में, हम उन सरल खुशियों को अनदेखा कर देते हैं जो वास्तव में जीवन को सार्थक बनाती हैं। नवीनतम संग्रह, ‘लो हैंगिंग फ्रूट’ को पूरा करने में काफी समय और दृढ़ता लगी। उन्होंने इस पुस्तक को उनके अंग्रेजी शिक्षक कमालुद्दीन निजामी को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि जब पुस्तक को पहली बार उनकी मां को प्रस्तुत किया गया था तो उन्होंने उन्हें उचित मान्यता के साथ इसे लॉन्च करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पुस्तक की लेखन शैली पर टिप्पणी करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि ‘लो हैंगिंग फ्रूट’ पारंपरिक शैलियों से आगे बढ़कर यात्रा वृत्तांतों, संस्मरणों और कथा साहित्य को कहानी कहने की एक संकर शैली में बुनता है। उनके आख्यान वास्तविक जीवन की टिप्पणियों पर आधारित हैं, जो महत्वहीन क्षणों को विचारोत्तेजक कहानियों में बदल देते हैं। प्रत्येक टुकड़ा, जैसे कि ‘सिज़लिंग समोसा’, पाठक के लिए जीवन का एक टुकड़ा लाता है, जो उसके विशिष्ट हास्य और गहराई से भरपूर होता है।

लेडी किश्वर देसाई ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. जोशी एक जन्मजात कहानीकार हैं, जिनकी तेज याददाश्त उन्हें उन छोटी-छोटी बातों को याद करने और फिर से उसे बुनने में सक्षम बनाती है जिन्हें अन्य लोग अनदेखा कर सकते हैं। लेडी देसाई ने सुझाव दिया कि जब इन कहानियों को नाटक और अभिनय के साथ डॉ. जोशी द्वारा सुनाया जाएगा तो एक रोचक पॉडकास्ट बन सकता है। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. जोशी के पास अंग्रेजी और हिंदी दोनों में निर्बाध रूप से लिखने का कौशल है जो एक विलक्षण उपलब्धि है।

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