जाने रोज़ाना की ऐसी आदतें जो हर्निया से बचा सकती हैं

हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के किसी अंग का एक हिस्सा अपनी सामान्य जगह से खिसक जाता है और शरीर के किसी अन्य हिस्से में उभार के रूप में दिखाई देता है। यह आमतौर पर पेट के क्षेत्र में होता है। हालांकि हर्निया का इलाज सर्जरी से किया जाता है, लेकिन कुछ प्राकृतिक उपायों और जीवनशैली में बदलाव करके इसे रोकने में मदद मिल सकती है।

प्राणायाम: हर्निया के लिए एक प्राकृतिक उपाय

प्राणायाम या योगासन श्वास नियंत्रण तकनीकें हैं जो शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। कुछ विशिष्ट प्राणायाम हर्निया के लक्षणों को कम करने और इसे रोकने में मदद कर सकते हैं।

  • अनुलोम-विलोम: यह प्राणायाम पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट के दबाव को कम करता है।
  • भ्रामरी प्राणायाम: यह प्राणायाम तनाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
  • कपालभाति: यह प्राणायाम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और पेट के अंगों को मजबूत बनाता है।

हर्निया से बचाव के अन्य उपाय

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा हर्निया का एक प्रमुख कारण है।
  • फाइबर युक्त आहार लें: फाइबर युक्त आहार कब्ज को रोकता है और पेट के दबाव को कम करता है।
  • भारी वजन न उठाएं: भारी वजन उठाने से पेट के मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और हर्निया होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • खांसी और छींक को नियंत्रित करें: लगातार खांसी और छींक से पेट के दबाव में वृद्धि होती है।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और शराब से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है और हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।
  • नियमित व्यायाम करें: व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और हर्निया को रोकने में मदद करता है।
  • तनाव कम करें: तनाव से पेट की मांसपेशियों में तनाव होता है और हर्निया का खतरा बढ़ जाता है।

कब डॉक्टर को दिखाएं

यदि आपको पेट में दर्द, सूजन, या उभार महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हर्निया का शुरुआती इलाज बहुत महत्वपूर्ण है।

ध्यान दें: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लेनी चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।

यह भी पढ़ें:-

रात को सोने से पहले गुड़ खाने के फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे आप