प्रणब आईच ओडिशा के पहले फिल्म निर्देशक बन गए हैं, जिन्हें दक्षिण कोरिया के मशहूर ‘बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ के प्लेटफॉर्म बुसान 2024 कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ख़ास तौर से आमंत्रित किया गया है।
‘प्लेटफॉर्म बुसान’ 05 से 08 अक्टूबर तक दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में आयोजित किया जाएगा।’प्लेटफॉर्म बुसान’ एशिया के सबसे सम्मानित मंचों में से एक है, जो नए और उभरते फिल्म निर्देशकों को मास्टरक्लास में भाग लेने और अपनी फिल्मों को विश्व के अनेक फिल्म निर्माताओं, वितरकों और फिल्म फेस्टिवल के प्रोग्रामर्स के सामने दिखाने का सुनहरा मौका देता है।प्लेटफॉर्म बुसान के दौरान प्रणब अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म ‘नंदा मास्टर का चटशाली’ दिखाएंगे। इस डॉक्यूमेंट्री का निर्माण अभय पती ने अभिस्मिता फिल्म्स के बैनर तले किया है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री पुरस्कार’ से नवाज़े गये मशहूर शिक्षाप्रेमी स्वर्गीय श्री नंदा प्रुष्टी के जीवन को दर्शाया गया है।
नंदा प्रुष्टी जिन्हें प्यार से ‘नंदा मास्टर’ बुलाया जाता था, उन्होंने अपने जीवनकाल के लगभग सत्तर साल उड़ीसा के कांतिरा गांव में रहनेवाले गरीब बच्चों और ग्रामीणों को मुफ्त शिक्षा देने और उनका भविष्य बनाने के लिए समर्पित कर दिया। वर्ष 2021 में उन्हें शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जहां एक ओर नंदा मास्टर का चटशाली को का वर्ल्ड प्रीमियर वर्ष 2023 में कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘एशियाई सिलेक्ट नेटपैक अवार्ड’ श्रेणी के तहत हुआ था, वहीं ‘कान फिल्म फेस्टिवल 2024 में ‘इंडिया पवेलियन’ के तहत इसे लॉन्च किया गया था।नंदा मास्टर का चटशाली को ‘डॉक फिल्म मार्केट एक्सक्लूसिव्स 2024’ के लिए भी चुना गया है, जो जर्मनी के डॉक लीपज़िग फिल्म फेस्टिवल के दौरान 28 अक्टूबर से 03 नवंबर के बीच आयोजित किया जाएगा।
‘प्लेटफॉर्म बुसान 2024’ के लिए आमंत्रित होने पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए प्रणब आईच ने कहा, मुझे प्लेटफॉर्म बुसान के लिए चुने जाने पर बेहद ख़ुशी है। एक जैसी सोचवाले फिल्ममेकर्स और प्रोफेशनल्स से मिलना, उनसे बातचीत करना, उनसे को-प्रोडक्शन के गुण सीखना और अपने अगले प्रोजेक्ट को दुनिया के सामने रखने का यह एक बेहतरीन मौका है।
निर्माता अभया पाटी ने कहा नंदा प्रुष्टीजी की शिक्षा के प्रति अटूट समर्पण की भावना ने मुझे काफ़ी प्रेरित किया था और यही कारण है कि मैंने ‘नंदा मास्टर का चटशाली’ फिल्म बनाने का फ़ैसला लिया था। मैं बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और डॉक लैपज़िग का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने हमारी फिल्म को प्रोत्साहन दिया है।
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