वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ताओं के क्रम में 3 अक्टूबर को वाशिंगटन में आयोजित छठी बैठक और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक अमेरिका की यात्रा पर होंगे। भारत अमेरिका व्यापार वार्ता में अमेरिकी दल का नेतृत्व वहां की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो करेंगी।
वाणिज्य मंत्रालय की रविवार को जारी है विज्ञप्ति के अनुसार श्री गोयल इस यात्रा में अमेरिका और भारत की कुछ प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत करेंगे और भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे।
श्री गोयल दो अक्टूबर को मंत्री रायमोंडो के साथ भारत-अमेरिका सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे और तीन अक्टूबर को वाशिंगटन में होने वाली छठी भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे।
इस बैठक के दौरान दोनों पक्ष स्वस्थ आर्थिक विकास, व्यापार और निवेश माहौल में और सुधार लाने और भारतीय तथा अमेरिकी व्यावसायिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री गोयल, प्रमुख अमेरिकी और भारतीय सीईओ और उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे और भारत में निवेश के व्यापक अवसरों पर चर्चा करेंगे। अमेरिका भारत रणनीतिक भागीदारी मंच द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में व्यापार और उद्योग जगत के नेताओं के साथ उनकी बातचीत, भारत और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं के बीच की शक्तियों का तालमेल और अधिक लाभ उठाने के तरीकों पर जोर देगी। वह यंग बिजनेस लीडर्स राउंडटेबल और भारत-अमेरिका रत्न एवं आभूषण व्यापार राउंडटेबल की भी अध्यक्षता करेंगे।
इस यात्रा में श्री गोयल और सेकेट्री रायमोंडो भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के विस्तार और उनमें विविधता लाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे। दोनों पक्ष एक समझौता ज्ञापन को लेकर वार्ता कर रहे हैं, जिसका मक़सद आवश्यक महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने और उनमें विविधता लाने तथा उनकी पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्री गोयल, व्यापार नीति फोरम के तहत चल रहे सहयोग और दोनों देशों के बीच दोतरफा व्यापार को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन अमेरिकी वाणिज्य प्रतिनिधि कैथरीन ताई से भी मुलाकात करेंगे।
मंत्रालय ने कहा है कि वाणिज्य मंत्री की यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच मजबूत और बढ़ते व्यापार और निवेश संबंधों को और गति मिलेगी। यह दोनों देशों के बीच व्यावसायिक जुड़ाव को प्रोत्साहित करेगा और दोनों पक्षों की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देगा, जिसमें महत्वपूर्ण खनिज, आपूर्ति श्रृंखला को और मज़बूत बनाना, जलवायु और स्वच्छ प्रौद्योगिकी सहयोग की सुविधा, समावेशी डिजिटल विकास, मानक और अनुरूपता सहयोग तथा यात्रा और पर्यटन आदि शामिल हैं।
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