प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ के अपने मासिक संबोधन में जल संरक्षण का आह्वान करते हुए उत्तर प्रदेश महिला समूह ‘जल सहेली’ और मध्य प्रदेश की महिलाओं के प्रयासों की सराहना की।
श्री मोदी ने ‘मन की बात’ की 114वीं कड़ी के संबोधन में कहा कि बारिश के दिनों में बचाया गया पानी जल संकट के महीनों में बहुत मदद करता है।
श्री मोदी ने कहा,“मुझे खुशी है कि पानी के संरक्षण को लेकर कई लोग नई पहल कर रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयास उत्तर प्रदेश के झांसी में देखने को मिला है। आप जानते ही हैं कि झांसी के बुंदेलखंड की पहचान पानी किल्लत से जुड़ी हुई है। यहाँ कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है।”
उन्होंने आगे कहा,“ये महिलाएं सेल्स हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं और उन्होनें ‘जल सहेली’ बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है। इन महिलाओं ने मृतप्राय हो चुकी घुरारी नदी को जिस तरह से बचाया है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन जल सहेलियों ने बोरियों में बालू भरकर चेकडैम तैयार किया। बारिश का पानी बर्बाद होने से रोका और नदी को पानी से लबालब कर दिया। इन महिलाओं ने सैकड़ों जलाशयों के निर्माण और उनके पुनर्जीवन में भी बढ़-चढ़कर हाथ बटाया है। इससे इस क्षेत्र के लोगों की पानी की समस्या तो दूर हुई ही है। उनके चेहरों पर, खुशियां भी लौट आई हैं।
श्री मोदी ने कहा,“कहीं नारी-शक्ति, जल-शक्ति को बढ़ाती है तो कहीं जल-शक्ति भी नारी-शक्ति को मजबूत करती है।”
उन्होंने कहा,“मुझे मध्य प्रदेश के दो बड़े ही प्रेरणादायी प्रयासों की जानकारी मिली है। यहाँ डिंण्डौरी के रयपुरा गाँव में एक बड़े तालाब के निर्माण से भू-जल स्तर काफी बढ़ गया है। इसका फायदा इस गाँव की महिलाओं को मिला। यहाँ ‘शारदा आजीविका स्वयं सहायता समूह’ इससे जुड़ी महिलाओं को मछली पालन का नया व्यवसाय भी मिल गया। इन महिलाओं ने फिश पार्लर भी शुरू किया है, जहाँ होने वाली मछलियों की बिक्री से उनकी आय भी बढ़ रही है।”
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के छतरपुर में भी महिलाओं का प्रयास बहुत सराहनीय है। यहाँ के खोंप गाँव का बड़ा तालाब जब सूखने लगा तो महिलाओं ने इसे पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया। ‘हरी बगिया स्वयं सहायता समूह’ की इन महिलाओं ने तालाब से बड़ी मात्रा में गाद निकाली, तालाब से जो गाद निकली उसका उपयोग उन्होंने बंजर जमीन पर फ्रूट फॉरेस्ट तैयार करने के लिए किया। इन महिलाओं की मेहनत से ना सिर्फ तालाब में खूब पानी भर गया, बल्कि फसलों की उपज भी काफी बढ़ी है।
श्री मोदी ने लोगों से जल संरक्षण अभियान में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा,“देश के कोने-कोने में हो रहे ‘जल संरक्षण’ के ऐसे प्रयास पानी के संकट से निपटने में बहुत मददगार साबित होने वाले हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि आप भी अपने आसपास हो रहे ऐसे प्रयासों से जरूर जुड़ेंगे।”
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