2007 टी20 विश्व कप सामुहिक प्रयासों से जीते पर युवराज के बिना ये संभव नहीं था : श्रीसंत

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत का मानना है कि 2007 टी20 विश्व कप में जीत सबके सामुहिक प्रयासों से मिली थी पर इसके बाद भी मेरा मानना है कि ऑलराउंडर युवराज सिंह नहीं होते तो जीतना संभव नहीं था। के अनुसार युवराज के बिना तब खिताब जीतना संभव नहीं था। तब इस प्रारुप के पहले ही विश्वकप को भारतीय टीम ने जीता था। भारत का खिताबी मुकाबला पाकिस्तान के साथ था जहां महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की थी। इस रोमांचक रोमांचक मुकाबले में खिलाड़ियों के एकजुट होकर प्रयास किये जिससे भारतीय टीम ने ये पहला खिताब जीता।

श्रीसंत ने कहा कि जीत टीम में सभी के सहयोग से मिली साथ ही मुझे लगता है कि धोनी कप्तान थे पर अगर युवराज नहीं होते तो जीतना संभव नहीं रहता। इसलिए हमने सिर्फ धोनी की वजह से विश्व कप नहीं जीता। उनकी कप्तानी अच्छी थी, लेकिन याद रखना होगा कि पूरी टीम में पारिवारिक माहौल था। पूरा प्रबंधन हमारे साथ था। हमने किसी एक व्यक्ति की वजह से विश्व कप नहीं जीता। इसी संस्करण में युवराज ने ग्रुप चरण में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में छह छक्के लगाए थे। फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान एक समय जीत के करीब पहुंच गया था। तब धोनी ने अंतिम ओवर में गेंद जोगिंदर शर्मा को देकर बड़ा जोखिम लिया। मिस्बाह-उल-हक के स्ट्राइक पर होने से पाकिस्तान की जीत तय मानी जा रही थी पर मिस्बाह ने गेंद को स्कूप जिसपर श्रीसंत ने कैच पकड़कर भारतीय टीम को जीत दिला दी। श्रीसंत ने इस पर कहा कि हां, मैंने आखिरी कैच लिया था और उससे पहले मैंने अफरीदी का कैच पकड़ा था। मैंने यॉर्कर के साथ सोहेल तनवीर का नौवां विकेट लिया। इसलिए यह अच्छा लगा। यह भारत के लिए खेलने और विश्व कप जीतने का एक बड़ा मौका था।

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