कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने की मांग की ‘अनदेखी’ कर रहे हैं और 10 साल तक उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं किया।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के पुणे दौरे से पहले उनसे चार सवाल पूछे। हालांकि पुणे में भारी बारिश की वजह से बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महाराष्ट्र दौरा रद्द कर दिया गया।
रमेश ने प्रधानमंत्री पर मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने की मांग की ‘अनदेखी’ करने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 2014 में मराठी को प्राचीन भाषा का दर्जा देने के लिए तर्कों के साथ अभ्यावेदन दिया था लेकिन इस पर आज तक कुछ नहीं किया गया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी के दौरे से पहले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उनसे कुछ सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि पुणे के चाकन औद्योगिक क्षेत्र से निर्माण इकाइयों का पलायन रोकने को लेकर महायुति और मोदी सरकार की विफलता का क्या कारण है? उन्होंने दावा किया कि ऑटोमोबाइल विनिर्माण के केंद्र पुणे के चाकन औद्योगिक क्षेत्र से ख़राब बुनियादी ढांचे के कारण विनिर्माण इकाइयों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है।
रमेश ने पूछा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार की नाकामी के कारण बड़े पैमाने पर जो नौकरियां गई हैं उसके बारे में प्रधानमंत्री क्या कहेंगे?
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति (गठबंधन) में भाजपा के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है।
रमेश ने सवाल किया कि भाजपा ने धनगर समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को नज़रअंदाज़ क्यों किया है?
रमेश ने कहा, ‘धनगर समुदाय महाराष्ट्र की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और वर्षों से अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है। मानव विकास सूचकांक के संकेतकों पर धनगरों की स्थिति ख़राब रही है, लेकिन उन्हें महायुति सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लगातार देशव्यापी जाति जनगणना के लिए प्रतिबद्धता जताती रही है ताकि भारत में हर पिछड़ा समुदाय उन अवसरों तक पहुंच सके जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘धनगर समुदाय की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं? भाजपा और उनके सहयोगियों ने धनगरों की दुर्दशा को नज़रअंदाज़ क्यों किया है?’
रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के चीनी उद्योग को क्यों नजर-अंदाज किया है। प्रधानमंत्री आज पुणे का दौरा करने वाले थे, जहां उन्हें 20,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और कुछ का लोकार्पण करना था। पुणे में भारी बारिश की वजह से प्रधानमंत्री मोदी का महाराष्ट्र दौरा रद्द कर दिया गया।
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