केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सिंगापुर में कुछ चुनिंदा उद्यमियों और निवेशकों के साथ अलग-अलग बैठक की और भारत में निवेश के अवसरों और इन कंपनियों की भारत के संबंध में संभावित योजनाओं की चर्चा की।
श्री गोयल लाओ की दो दिन की यात्रा से लौटते हुए सिंगापुर रुके थे। लाओ में उन्होंने आसियान और पूर्वी एशियाई देशों के मंत्रियों की बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। सिंगापुर में वह बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाली वैश्विक फॉर्म सुरबाना जुरोंग के ग्रुप सीईओ सीन चियाओ और निवेश फॉर्म पिकएक्सवी पार्टनर्स के शैलेंद्र सिंह और रोहित अग्रवाल के साथ बातचीत की।
सिंगापुर में अपनी इन बैठकों के बारे में श्री गोयल ने सोशल मीडिया पर रविवार को अलग-अलग ट्वीट में कहा,
‘सुरबाना जुरोंग के ग्रुप सीईओ श्री सीन चियाओ से मुलाकात हुई। हमने भारत के तेजी से विकसित हो रहे शहरी और औद्योगिक बुनियादी ढांचे क्षेत्र के लिए कंपनी की योजनाओं पर सार्थक चर्चा की। भारत वैश्विक स्तर पर अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे को आकार देने में सुरबाना जुरोंग के साथ निकटता से सहयोग करने के लिए तत्पर है।’
उन्होंने एक अलग पोस्ट में कहा, ‘एक अग्रणी उद्यम पूंजी और विकास निवेश फर्म पीक एक्सवी पार्टनर्स के एमडी श्री शैलेन्द्र सिंह और श्री रोहित अग्रवाल के साथ बैठक की।
श्री गोयल सिंगापुर स्थित असबाबवाला फर्नीचर निर्माण कंपनी एचटीएल इंटरनेशनल की सीईओ फुआ मेई मिंग के साथ भी बैठक की। वाणिज्य मंत्री ने बताया कि इस बैठक में भारत के विनिर्माण क्षेत्र और विशाल खुदरा बाजार में विकास की अपार संभावनाओं के साथ कंपनी की विस्तार योजनाओं में भारत की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया।
भारत के संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। साथ ही हरित निवेश और एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में संभावित अवसरों का पता लगाया।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार श्री गोयल ने लाओ के वियनतियाने की अपनी यात्रा के दूसरे और आखिरी दिन शनिवार को 12वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के आर्थिक मंत्रियों की बैठक (ईएएस-ईएमएम) में भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता लाओ के उद्योग और वाणिज्य मंत्री मलाइथोंग कोमासिथ ने की।
लाओ 2024 के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ आसियान का अध्यक्ष हैं।
ईएएस -ईएमएम सम्मेलन में सभी आसियान के सभी 10 देशों और ईएएस के आठ अन्य भागीदारों के आर्थिक मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में भारत, अमेरिका, रूस, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मौजूद थे। लोकतांत्रिक गणराज्य तिमोर-लेस्ते एक पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में शामिल हुआ।
वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार 12वीं ईएएस ईएमएम में आर्थिक मंत्रियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक विकास और चुनौतियों पर चर्चा की। अपने हस्तक्षेप में मंत्री श्री गोयल ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन फोरम को इसके संस्थापक सदस्य होने के नाते मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को स्वीकार किया। 2025 के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक पूर्वानुमान पर आसियान सचिवालय की ब्रीफिंग का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने सम्मेलन को बताया कि 2024-25 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, भारत की विकास दर 7-7.2 प्रतिशत होने का अनुमान है। भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
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