ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि स्टार इंडिया ने आईसीसी क्रिकेट मैचों के टेलीविजन प्रसारण अधिकार के उप-लाइसेंस संबंधी समझौते का पालन नहीं होने पर लंदन स्थित मध्यस्थता अदालत में 94 करोड़ डॉलर के हर्जाने की मांग रखी है।
ज़ी एंटरटेनमेंट ने बुधवार को शेयर बाजार को यह सूचना दी। उसने स्टार इंडिया की तरफ से किए गए सभी दावों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए कहा कि वह इन ‘निराधार दावों’ का दृढ़ता से विरोध करेगी।
स्टार ने 16 सितंबर, 2024 को लंदन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के समक्ष हर्जाने की मांग रखते हुए यह घोषित करने का अनुरोध भी किया है कि उसने ज़ी एंटरटेनमेंट के साथ गठजोड़ समझौते को खत्म कर दिया है।
इसके अलावा स्टार ने मध्यस्थता अधिकरण के फैसले की तारीख के आधार पर हर्जाना तय किए जाने की भी मांग की है। स्टार ने 31 अगस्त, 2024 की तारीख के हिसाब से कुल 94 करोड़ डॉलर की हर्जाना राशि की गणना की है।
हालांकि, ज़ी एंटरटेनमेंट ने अपने बयान में कहा कि वह स्टार के हर्जाना और अन्य सभी दावों का स्पष्ट रूप से खंडन करती है।
ज़ी समूह की कंपनी के मुताबिक, लंदन मध्यस्थता केंद्र को अभी यह तय करना है कि समझौता रद्द होने में वह किसी भी तरह से उत्तरदायी है या नहीं।
इस साल मार्च में स्टार इंडिया ने आईसीसी मैचों के टीवी प्रसारण अधिकारों के उप-लाइसेंस समझौते का पालन न करने पर ज़ी एंटरटेनमेंट के खिलाफ मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी।
दोनों कंपनियों के बीच अगस्त, 2022 में हुए समझौते के मुताबिक, 2024 से 2027 तक आईसीसी के अंतरराष्ट्रीय मैचों के टीवी प्रसारण अधिकारों का उप-लाइसेंस दिया जाना था। लेकिन ज़ी एंटरटेनमेंट 20.35 करोड़ डॉलर की पहली किस्त के भुगतान से चूक गई थी।
डिज्नी स्टार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से भारतीय बाजार के लिए चार साल के लिए सभी आईसीसी मुकाबलों के प्रसारण अधिकार हासिल किए थे।
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