भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दवाओं और टीकों के मानव चरण-प्रथम के नैदानिक परीक्षणों के लिए उद्योग और शैक्षणिक संस्थान के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को यहां बताया कि देश में नैदानिक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने अपने चरण प्रथम के नैदानिक परीक्षणों के लिए कई संगठन के साथ समझौता ज्ञापन को औपचारिक रूप दिया है।
मंत्रालय के अनुसार इनमें ऑरिगेन ऑन्कोलॉजी लिमिटेड के साथ मल्टीपल मायलोमा के लिए एक छोटे अणु पर अनुसंधान, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के साथ जीका वैक्सीन विकास के लिए साझेदारी, मायनवैक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस वैक्सीन परीक्षण का समन्वय और इम्यूनोएक्ट के साथ क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया के एक नए संकेत के लिए सीएआर- टी सेल थेरेपी के विकास का अध्ययन शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने आईसीएमआर और प्रमुख उद्योग एवं शैक्षणिक संस्थान के बीच सहयोग की सराहना की और इसे सभी नागरिकों के लिए किफायती और सुलभ अत्याधुनिक उपचार की खोज में महत्वपूर्ण बताया।
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