तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने मंगलवार को हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रहीं भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष तलब करने की मांग की।
‘जल जीवन मिशन’ के कामकाज के ऑडिट के लिए बुलाई गई बैठक में रॉय ने कहा कि बुच को समिति के सामने पेश होना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस मांग पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह नियमों के खिलाफ है।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में दुबे ने कहा कि सीएजी के प्रधान लेखा परीक्षक केंद्र सरकार के आदेश के बिना सेबी का ऑडिट नहीं कर सकते हैं, इसलिए पीएसी भी नियामकों के अधिकारियों को वित्त संबंधी ‘‘खामियों’’ के सबूत के बिना नहीं बुला सकती।
सूत्रों का कहना है कि दुबे ने कहा था कि सबसे पुरानी संसदीय समिति होने के नाते पीएसी के अपने परिभाषित नियम हैं और यदि स्वत: संज्ञान लेना है तो उसे साक्ष्य के साथ प्रमाणित करना होगा।
अमेरिकी कंपनी ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ ने सबसे पहले बुच के खिलाफ हितों के टकराव का आरोप लगाया था। कांग्रेस इसको लेकर माधवी पर लगातार हमले कर रही है।
माधवी बुच ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
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