भारत ने आज जोर देकर स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन के बीच टेलीफोन पर बातचीत में बंगलादेश के मुद्दे पर काफी चर्चा हुई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने श्री मोदी और श्री बाइडेन के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद अमेरिका की प्रेस विज्ञप्ति में बंगलादेश का मुद्दा नहीं आने पर उठे विवाद पर विस्तार से स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि श्री मोदी और श्री बाइडेन के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद प्रेस विज्ञप्तियों को लेकर वे दावे संवेदनशील और प्रेरित हैं तथा नेताओं के बीच इस तरह के संपर्कों को कैसे व्यवस्थित किया जाता है और फिर आगे बढ़ाया जाता है, इसकी प्रक्रिया से अनभिज्ञता को दर्शाते हैं।
श्री जायसवाल ने कहा कि सबसे पहले, नेताओं के बीच ऐसी बातचीत के बाद जारी की जाने वाली प्रेस विज्ञप्तियां संयुक्त वक्तव्य की तरह नहीं होती हैं जहां हर शब्द पर बातचीत की जाती है और पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की जाती है। दूसरे, ऐसी प्रेस विज्ञप्तियां ऐसी बातचीत का व्यापक विवरण नहीं होती हैं। अंत में, दो पक्षों के लिए अपने अपने संबंधित रीडआउट में एक ही बातचीत के विभिन्न पहलुओं पर जोर देना असामान्य नहीं है। किसी न किसी प्रेस विज्ञप्ति में किसी पहलू का उल्लेख नहीं होना, इस बात का प्रमाण नहीं है कि उस पहलू पर बात ही नहीं हुई।
प्रवक्ता ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत की विषयवस्तु से भली-भांति परिचित हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि हमारी प्रेस विज्ञप्ति में, बातचीत में जो कुछ हुआ, उसका सटीक और विश्वसनीय रिकॉर्ड है। बंगलादेश के विषय पर, जिसे कुछ पक्षों द्वारा उजागर किया गया है, दोनों नेताओं के बीच काफी चर्चा हुई।”
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