श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2019 के ईस्टर बम धमाकों के पीड़ितों के लिए मुआवजे की पूर्ण धनराशि 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये (एसएलआर) का भुगतान कर दिया है।
राष्ट्रपति पद पर सिरिसेना के कार्यकाल के दौरान 21 अप्रैल 2019 को आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल थावहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन चर्च और कई बड़े होटले में सिलसिलेवार विस्फोट किए थे, जिनमें 11 भारतीयों सहित 270 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे।
श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने हमलों को लेकर विश्वसनीय खुफिया सूचना होने के बावजूद देश के इतिहास की सबसे घातक आतंकवादी घटना को रोकने में नाकाम रहने के लिए सिरिसेना (72) को पीड़ितों को बतौर मुआवजा 10 करोड़ एसएलआर का भुगतान करने का आदेश दिया था।
पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने बताया कि 10 करोड़ एसएलआर का पूर्ण भुगतान 16 अगस्त को कर दिया गया। इन धमाकों को लेकर श्रीलंका में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था, क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति सिरिसेना और तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर खुफिया जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद हमलों को रोकने में नाकाम रहने के आरोप लगे थे।
जुलाई के मध्य में सिरिसेना ने अदालत को बताया था कि उन्होंने 5.8 करोड़ एसएलआर का भुगतान कर दिया है और बाकी 4.2 करोड़ अदा करने के लिए उन्होंने छह महीने का समय मांगा था। धमाकों के बाद सिरिसेना की ओर से गठित जांच समिति ने तत्कालीन राष्ट्रपति को ही हमले रोकने में विफलता का दोषी पाया था।
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