राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन देशों- फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा पूरी करने के बाद रविवार को स्वदेश रवाना हो गईं। मुर्मू की यह यात्रा तीनों देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित थी।
उन्होंने तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण के तहत तिमोर-लेस्ते की यात्रा की, जहां उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए व्यापक चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तिमोर-लेस्ते की सफल यात्रा संपन्न, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिली। एक विशेष सम्मान के तहत राष्ट्रपति रामोस-होर्ता ने मुर्मू को हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से विदाई दी।’’
रामोस-होर्ता ने राष्ट्रपति मूर्मू को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ तिमोर-लेस्ते’ से सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने पलासियो नोब्रे डी लोहाने में राष्ट्रपति मुर्मू के सम्मान में एक राजकीय भोज का भी आयोजन किया। मुर्मू ने घोषणा की कि भारत जल्द ही दिली में अपने दूतावास की स्थापना करेगा।
राष्ट्रपति ने न्यूजीलैंड की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स तथा गवर्नर जनरल डेम सिंडी कि साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
मुर्मू ने यात्रा के दौरान यह घोषणा की कि भारत जल्द ही न्यूजीलैंड के साथ राजनयिक संबंधों को और मजबूत करने तथा प्रवासी समुदाय की सुविधा के लिए ऑकलैंड में एक वाणिज्य दूतावास खोलेगा।
फिजी की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने समकक्ष रातू विलियम मैवालिली काटोनीवरे और प्रधानमंत्री सितीवेनी राबुका के साथ बैठकें कीं। राष्ट्रपति को फिजी के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया।
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