भारत के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टी20 क्रिकेट से अगर आक्रामक टेस्ट खिलाड़ी उभरता है तो उन्हें कोई शिकायत नहीं होगी क्योंकि ऐसे बल्लेबाज दर्शकों को स्टेडियम खींचने में सफल होंगे।
भारत के सबसे सफल टेस्ट सलामी बल्लेबाजों में शामिल सहवाग को दिल्ली प्रीमियर लीग के शुरुआती सत्र का ब्रांड दूत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आप खेल के छोटे प्रारूप की तरफ आकर्षित होने का दोष युवाओं पर नहीं मढ़ सकते क्योंकि यह वित्तीय तौर व्यावहारिकता भी प्रदान करता है।
सहवाग ने लीग से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ इंग्लैंड जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है, पांच रन प्रति ओवर की दर से रन बना रहा है। हमारे खेलने के दिनों में ऑस्ट्रेलिया लगभग चार रन प्रति ओवर की दर से रन बनाता था। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि यदि आप आक्रमण कर सकते हैं तो आप अपनी टीम को टेस्ट मैच जीतने के अधिक मौके देते हैं।’’
सहवाग से जब पूछा गया कि क्या जरूरत से ज्यादा टी20 लीग के आयोजन से युवा लाल गेंद प्रारूप से दूर हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, मेरा बड़ा बेटा 17 साल का है और उसने दिल्ली अंडर 16 के लिए तीन दिवसीय क्रिकेट खेला है, लेकिन ऐसे बहुत से लड़के हैं जो उस मौके का इंतजार कर रहे होंगे। जब हम 18 साल के थे तो आईपीएल नहीं था। लेकिन, अब, एक युवा आईपीएल खेलने के बारे में सोच सकता है, और डीपीएल आपको वह मौका प्रदान करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई खिलाड़ी आक्रामक खेल विकसित करता है जो टेस्ट के अनुकूल हो उसका समर्थन करना चाहिये। हम चाहते है कि लोग स्टेडियम में आकर टेस्ट मैच देखे।’’
लीग में हिस्सा लेने वाली छह टीमें सेंट्रल दिल्ली किंग्स, ईस्ट दिल्ली राइडर्स, नॉर्थ दिल्ली स्ट्राइकर्स, पुरानी दिल्ली 6, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स और वेस्ट दिल्ली लायंस हैं।
ऋषभ पंत इस लीग में अगर अपनी उपलब्धता के आधार पर कुछ मैच खेलने में कामयाब रहे तो सबसे बड़ा आकर्षण होंगे। इसमें शामिल अन्य बड़े नामों में इशांत शर्मा, हर्षित राणा, नवदीप सैनी और आयुष बडोनी है।
लीग के लिए खिलाड़ियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है जिसमें मार्की ए ग्रुप में प्रति खिलाड़ी का वेतन 10 लाख रुपये होगा। विजेता टीम को एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी।
डीडीसीए के अध्यक्ष रोहन जेटली ने कहा कि प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारित होने वाले मैचों में हॉक आई और डीआरएस की सुविधा भी होगी।
मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के संबंध में शून्य सहिष्णुता अपनाई जायेंगी। बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई काम करेगी और आचार संहिता के संबंध में बीसीसीआई के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।’’
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