FILE- Jagdeep Dhankhar

धनखड़ ने कोचिंग के ‘व्यवसायीकरण’ पर जताई चिंता, राज्यसभा में होगी अल्कालिक चर्चा

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कोचिंग के ‘व्यवसायीकरण’ पर चिंता जताते हुए राजधानी दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की मौत के मुद्दे पर उच्च सदन में अल्पकालिक चर्चा को मंजूरी दी।

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने और आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत सात नोटिस मिले हैं।

उन्होंने बताया कि इनमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधांशु त्रिवेदी, रामचंद्र जांगड़ा, सुरेंद्र सिंह नागर, आम आदमी पार्टी (आप) की स्वाति मालीवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने प्राधिकारियों की लापरवाही के कारण दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की मौत के मुद्दे पर चर्चा के नोटिस दिए हैं।

धनखड़ ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित करने की आवश्यकता है। मैंने पाया है कि कोचिंग अब व्यापार बन गया है। जब भी हम कोई अखबार पढ़ते हैं तो उसके पहले एक या दो पन्नों में कोचिंग के विज्ञापन होते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे देश में जहां अवसर बढ़ रहे हैं, वहीं यह एक समस्या बनता जा रहा है।

हालांकि नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन सकी।

सभापति ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल नियम 267 के पक्ष में नहीं है और उन्हें यह बात कांग्रेस के जयराम रमेश ने स्पष्ट शब्दों में बता दी है।

नियम 267 के मुताबिक, सभापति की सहमति से सदन में पूर्व निर्धारित कामकाज या एजेंडे को रोककर किसी एक खास मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है और उस मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछा जा सकता है। नियम लागू होने के बाद सिर्फ एक खास मुद्दे पर ही बहस हो सकती है।

धनखड़ ने नियम 176 या 180 के तहत अल्पकालिक चर्चा या ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विचार करने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि वह शून्यकाल के बाद पार्टी नेताओं से परामर्श करेंगे।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भी नियम 267 के तहत इस मामले पर तत्काल चर्चा करने के लिए अपनी सहमति जताई।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर और नीट के मुद्दों पर भी नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए। इस पर सभापति ने कहा कि फिलहाल ये मुद्दे उनके समक्ष नहीं हैं।

धनखड़ ने स्पष्ट किया कि नियम 267 के तहत किसी भी बात पर तभी चर्चा होगी जब प्रमुख पार्टियां इसपर सहमत होंगी और पूरे सदन की सहमति होगी।

बाद में धनखड़ ने अपने कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं से चर्चा के बाद कहा कि इस मुद्दे पर नियम 276 के तहत अल्पकालिक चर्चा होगी।

मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले तीन अभ्यर्थियों की रविवार को मौत हो गई थी। मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार किया गया है।

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