राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आपातकाल की ज्यादतियों की जांच करने वाले शाह आयोग की रिपोर्ट की एक प्रति सदन के पटल पर रखने के सरकार को निर्देश दिये हैं।
सदन में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान शाह आयोग की रिपोर्ट नष्ट किये जाने का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के दीपक प्रकाश ने उठाया और कहा कि वर्ष 1975 से 1977 के बीच कांग्रेस सरकार की ओर से लागू आपातकाल की ज्यादतियों की जांच करके आयोग ने एक विस्तृत रिपाेर्ट प्रस्तुत की थी और उसे प्रकाशित किया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग ने 48 हजार कागजात की जांच की और 1978 में 775 पृष्ठ की एक रिपोर्ट तैयार की थी।
उन्होंने कहा कि बाद में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने इस रिपोर्ट को छिपा दिया और देश तथा विदेश में उपलब्ध प्रतियाें को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इसकी एक प्रति आस्ट्रेलिया के एक पुस्तकालय में मौजूद है। उन्होंने मांग की कि शाह रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, जिससे आम जनता आपातकाल की वास्तविकता को जान सके। धनखड़ ने कहा कि सरकार आपातकाल की ज्यादतियों की जांच करने वाले शाह आयोग की रिपोर्ट की एक प्रति “ सदस्यों के लाभ के लिए” सदन के पटल पर रखे।
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