बारिश का मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए मुश्किल हो सकता है। इस मौसम में हवा में नमी और एलर्जेंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
यहां 4 मुख्य कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से बारिश के मौसम में अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है:
नमी में वृद्धि: बारिश के मौसम में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। नम हवा श्वसन मार्ग में सूजन और बलगम के उत्पादन को बढ़ा सकती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ और खांसी हो सकती है।
एलर्जेंस: बारिश के मौसम में एलर्जेंस, जैसे कि धूल के कण, पोllen, फफूंद के बीजाणु और मिट्टी की कवक हवा में अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। ये एलर्जेंस अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
ठंडी हवा: बारिश के मौसम में तापमान कम हो सकता है, जिससे ठंडी हवा चल सकती है। ठंडी हवा श्वसन मार्ग में सूजन पैदा कर सकती है और अस्थमा के लक्षणों को बदतर बना सकती है।
वायु प्रदूषण: बारिश के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ सकता है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। वायु प्रदूषण में हानिकारक रसायन होते हैं जो श्वसन तंत्र को जलन पहुंचा सकते हैं और अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
अस्थमा के मरीज बारिश के मौसम में अपनी परेशानी को कम करने के लिए निम्नलिखित बचाव के उपाय कर सकते हैं:
अपनी दवाएं नियमित रूप से लें: अपनी डॉक्टर द्वारा निर्धारित अस्थमा की दवाएं नियमित रूप से लें, भले ही आपको लक्षण महसूस न हों।
अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें: यदि आपको अपने अस्थमा को नियंत्रित करने में दिक्कत हो रही है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपके इलाज को समायोजित करने या अतिरिक्त दवाएं लिखने की आवश्यकता हो सकती है।
एलर्जेंस से बचें: जितना हो सके एलर्जेंस से बचें। घर के अंदर रहें जब पोllen काउंट अधिक हो,नियमित रूप से अपने घर को साफ करें, और एयर फिल्टर का उपयोग करें।
ठंडी हवा से बचें: ठंडी हवा से बचें। बाहर जाते समय मास्क पहनें और अपने शरीर को ढककर रखें।
नमी को नियंत्रित करें: घर के अंदर नमी के स्तर को 50% से कम रखें। डिह्यूमिडिफायर का उपयोग करें यदि आवश्यक हो।
स्वस्थ रहें: स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें, और पर्याप्त नींद लें। तनाव को कम करने के लिए तकनीक सीखें।
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