पेट के अल्सर को ठीक करने के लिए पत्थरचट्टा के इस्तेमाल से मिलता है लाभ

भारत में यह बहुत प्रसिद्ध पौधा है। इसे पत्थरचट्टा, पत्थरतोड़ा, पत्थरचूर आदि नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है।पत्थरचट्टा के पत्तों का उपयोग घावों और छालों को जल्दी भरने में किया जाता है।जिसमें यह बेहद लाभकारी है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। पेशाब और किडनी की समस्याएं के लिए भी यह इस्तेमाल किया जाता हैं। पत्थरचट्टा का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।आइए जानते हैं पत्थरचट्टा के फायदे के बारे में, कैसे ये इन समस्याओं में लाभकारी है,

वेजाइनल इंफेक्शन को ठीक करता है

महिलाएं आमतौर पर वजाइनल इंफेक्शन की समस्या से जूझती हैं। इसमें उनके जेनिटल या कहें प्राइवेट एरिया में खुजली, जलन के साथ-साथ वेजाइनल डिस्चार्ज होता है। इस को दूर करने के लिए पत्थरचट्टा उपयोगी होता है।

पेट के अल्सर के लिए पत्थरचट्टा

आपको त्वचा पर किसी तरह की सूजन या घाव है तो आप उसके लिए भी पत्थरचट्टा का प्रयोग कर सकते हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप पत्थरचट्टा के पत्तों को अच्छे से पीस लें। फिर इन पत्तों का लेप बनाएं और संक्रमित जगह पर लगाएं। इससे आपके घाव और सूजन को कम करने में भी राहत मिलेगी। इसके अलावा आप इस लेप से शरीर के रैशेज और खुजली भी दूर कर सकते है।

खूनी दस्त के लिए फायदेमंद

खूनी दस्त से राहत पाने के लिए आप पत्थरचट्टा के पत्तों का रस निकालें फिर इसमें चुटकी भर पीसा हुआ जीरा पाउडर और आधा चम्मच देसी घी मिलाएं। मिश्रण को अच्छे से मिलाएं। फिर आप इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं। पत्थरचट्टा के मिश्रण से आपको खूनी दस्त से राहत मिलेगी।

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