गर्मियों के दिनों में हम सभी को राय दी जाती है की अपने आप को हाइड्रेट रखें नही तो इस मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सजतुभाई और यही नहीं अस्तपातल जाने की नौबत पास सकती है। गर्मी को देखते हुए अभी भी बहुत से मामले सामने आ रहे हैं, या तो लोग पेट की खराबी की वजह से बीमार है और डॉक्टर के पास जा रहे हैं। गर्मियों के खास मौसमी फल तरबूज या खरबूजा है। आपको बता दें की गर्मी के मौसम में तरबूज और खरबूजा ये दोनो ही मौसमी होने के साथ हाइड्रेटिंग फलों में से एक है इनकी मांग गर्मियों में ज्यादा बढ़ जाती है। डिमांड को पूरा करने बेचने वाले इसमें मिलावट शुरू कर देते है।
तरबूज और खरबूज का सेवन करने की भी सलाह दी जाती है. गर्मी में कई लोगों को इसका सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो रही है. इसका कारण फलों में होने वाली मिलावट है। उन्हें रंग देने के लिए इनमें डाई, शुगर सिरप का इस्तेमाल किया जाता है.
फलों के सेवन के बाद लोगों को पेट संबंधी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। खरबूजा और तरबूज खाने के बाद फूड पॉइजनिंग के केस बढ़ रहे है। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में फलों में मिलावट हो रही है। खरबूजे और तरबूज को केमिकल की मदद से जल्दी पकाया जा रहा है।
इसको पकाने और उसका रंग लाल करने के लिए कैल्शियम कार्बाइड और एरीथ्रोसिन जैसे हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल होता है. इससे फल तो जल्दी पक जाते हैं लेकिन इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. इनसे पेट में फूड पॉइजनिंग, उल्टी, दस्त और डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है।फलों के वजन और आकार को बढ़ाने के लिए नॉन अप्रूव्ड एडिटिव्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है यह एडिटिव्स सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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