पेरिस ओलंपिक शुरू होने में अब केवल 2 महीने रह गए हैं. इसलिए भारतीय एथलीट्स ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भारत में इसके लिए ट्रायल्स भी शुरू हो गए हैं. इस बीच भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने एक बड़ा फैसला लिया है. WFI ने फैसला किया है कि कोटा मिले हुए रेसलर्स को अब पेरिस ओलंपिक में डायरेक्ट एंट्री दी जाएगी. संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पुराने नियम को दरकिनार करते हुए ये फैसला लिया है. हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. इसकी घोषणा होने के साथ ही विनेश फोगट समेत कोटा मिले हुए 6 रेसलर्स को ट्रायल नहीं देना होगा.
भारतीय कुश्ती संघ कुछ रेसलर्स को क्वालिफाइंग इवेंट के जरिए ओलंपिक में डायरेक्ट एंट्री देता आया था. लेकिन यौन शोषण मामले में फंसे बृज भूषण सिंह की अध्यक्षता में WFI ने 2021 में कोटा के बावजूद ट्रायल का नियम बनाया था, ताकि युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जा सके. ओलंपिक कोटा मिलने के बाद इसी फैसले को लेकर अमन सहरावत और निशा दहिया समेत कुछ रेसलर्स ने कुश्ती संघ को ट्रायल्स की समस्या बताते हुए इसे नहीं कराने की मांग की थी.
द ट्रिब्यून ने WFI सुत्रों के हवाले से अपने रिपोर्ट में बताया है कि संघ में ज्यादातर अधिकारी ट्रायल नहीं कराने के पक्ष में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, संघ का कहना है कि रेसलर्स के लिए वजन मेंटेन करना सबसे बड़ी समस्या है. कई खिलाड़ियों ने इंजरी का खतरा जताकर उन्हें चिट्ठी भी लिखी थी. भारतीय कुश्ती संघ चाहता है कि ओलंपिक से पहले सभी रेसलर्स फिट और फ्रेश रहें. इन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है.
विनेश फोगट ने 50Kg कैटगरी, अंतिम पंघल ने 53 Kg, अंशु मलिक ने 57 Kg और रीतिका हुड्डा ने 76 Kg ने अलग-अलग क्वालिफाइंग इवेंट में हिस्सा लेकर कोटा हासिल किया था. वहीं अमन सहरावत और निशा दहिया को इस्तांबुल में हुए वर्ल्ड ओलंपिक रेसलिंग क्वालिफायर्स से कोटा मिला था. अब ये सभी 6 रेसलर्स पेरिस ओलंपिक में बिना ट्रायल के जा सकेंगे. बता दें कि इस्तांबुल में आयोजित हुआ ओलंपिक क्वालिफायर्स रेसलर्स के पेरिस जाने के लिए अंतिम मौका था.