हिंदी सिनेमा की बेहद उम्दा कलाकार में शामिल थी ये एक्ट्रेस. उनकी सादगी और दमदार अदाकारी पर फैंस मर मिट जाते थे. वो इतनी जबरदस्त एक्ट्रेस थी की अपने दम पर फिल्म को हिट करा देती थी. जी हां ये कोई और नहीं बल्कि नरगिस दत्त थी. नरगिस ने 3 मई यानी आज ही के दिन इस दुनिया से रुखसती ली थी. आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर चलिए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें.
नरगिन की मां तवायफ थीं
नरगिस दत्त को भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे महान अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. हालांकि उनके लिए हिंदी सिनेमा में अपने लिए मुकाम बनाना इतना आसान नहीं था. बता दें कि नरगिस का असली नाम फातिमा राशिद था. उनकी मां जद्दनबानी भारतीय फिल्म उद्योग में एक फेमस कंपोजर थीं और अपने समय की सबसे फेमस तवायफों में से एक थीं.
दरअसल, जद्दनबाई की मां और नरगिस की नानी दलीपाबाई भी 20वीं सदी की शुरुआत में एक मशहूर तवायफ थी. वहीं नरगिस के पिता मोहनचंद उत्तमचंद त्यागी थे, जो एक हिंदू बिजनेसमैन थे. वे जद्दनबाई को देखते ही उन पर फिदा हो गए थे. इसके बाद उन्होंने धर्म बदलकर जद्दनबाई से शादी की और अब्दुल रशीद का नाम अपना लिया. यह जद्दनबाई की तीसरी शादी थी.
मां ने कर्ज उतारने के लिए फिल्मों में कराया काम
वहीं 1929 में जन्मी नरगिस ने अपने करियर की शुरुआत 6 साल की उम्र में अपनी मां की फिल्म तलाशे हक से की और 12 साल की उम्र तक बाल कलाकार के रूप में कई अन्य फिल्मों में नजर आईं. बताया जाता है कि नरगिस का मां जद्दनबाई ने कर्ज उतारने के लिए अपनी बेची से फिल्मों में काम कराया था. जद्दनबाई ने ही फिल्म क्रेडिट में अपनी बेटी का नाम नरगिस रखा और फिर वे इसी नाम से फेमस हो गईं.
14 साल की उम्र में प्ले किया था लीड रोल
तवायफ मां ने कर्ज उतारने के लिए फिल्मों में करवाया था काम, फिर बनी बॉलीवुड की सुपरस्टार, दर्दनाक हुई थी मौत
14 साल की उम्र में नरगिस ने मेहबूब खान की फिल्म ‘तकदीर’ में लीड स्टार के तौर पर काम किया और ये फिल्म हिट रही. 1949-51 तक, उन्होंने तीन ब्लॉकबस्टर फिल्मों ‘अंदाज’, ‘बरसात’ और ‘आवारा’ में अपनी दमदार अदाकारी का लोहा मनवाया. इन सभी ने सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ दिया. दिलचस्प बात ये है कि इन सभी फिल्मों में वे राजकपूर के साथ नजर आई थीं.
नरगिस अब देश की नंबर वन हीरोइन थीं. 1957 में, उन्होंने ‘मदर इंडिया’ से अपनी स्थिति और मजबूत की ये फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी. इतना ही नहीं ये फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में किसी महिला के नेतृत्व में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पहली फिल्म भी थी.
29 साल की उम्र में नरगिस ने छोड़ दी थी एक्टिंग
1958 में, नरगिस ने अपने मदर इंडिया के को-एक्टर सुनील दत्त से शादी की और अपने करियर के पीक पर परिवार की खातिर एक्टिंग छोड़ दी. हालांकि 1967 में उन्होंने सत्येन बोस के नाटक रात और दिन में आखिरी बार काम किया. इसके उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
दर्दनाक हुई मौत
1980 में नरगिस को राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन कार्यकाल के पहले वर्ष में ही उन्हें कैंसर हो गया. उनका न्यूयॉर्क में इलाज भी चला. कुछ समय बाद वह भारत लौटीं लेकिन उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई और फिर वह कोमा में चली गईं. 3 मई 1981 को दिग्गज अभिनेत्री ने 51 साल की उम्र में हमेशा-हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया. नरगिस के निधन के बाद उनके बेटे संजय दत्त की डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ रिलीज हुई थी. जिसकी एक सीट नरगिस के लिए खाली रखी गई थी.