आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है और नए अपडेट्स सामने आ रहे है वैसे वैसे स्कैम के केसेज आए दिन बढ़ते ही चले जा रहे है। इंटेलीजेंस का बढ़ता दायरा लोगों के लिए फायदे तो ला हो रहा है लेकिन साथ-साथ काफी नुकसान पहुंचाने वाला भी साबित हो रहा है। जिसमे से एक है डीपफेक आपको बता दें की डीपफेक एआई एक जेनरेटिड वीडियो या ऑडियो होती है जोकि एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके जानकारी प्रस्तुत की जाती है। डीपफेक के सहायता से कई बड़े क्राइम को स्थान दिया जा रहा है जिससे कई हस्तियों की फोटो, वीडियो के जरिए गलत तरीके से दिखाया जाता है।
शेयरिंग
डीपफेक से बचने के लिए आपको आपने सोशल मीडिया पर क्या-क्या शेयर कर रहे है आपको ये देखना जरूरी है कि आप अपनी जो भी जानकारी शेयर कर रहे है उस पर ध्यान देना जरूरी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी पर्सनल जानकारियों को बिना कुछ भी सोचे साझा करते है स्कैनर्स इसका फायदा बड़ी ही आसानी से उठा सकते है scammers अपने स्कैम को पूरा करने के लिए सभी जानकारी सोशल मीडिया से ही लेते हैं।
प्राइवेसी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपके लिए जरूरी है की प्राइवेसी सेटिंग को आप समय समय पर एडजस्ट करते रहे। एप को इस्तेमाल करने से पहले नियम और शर्तों पर ध्यान देना जरूरी है। बिना एडिट हुई फोटो को साझा न ही करें।
वाटरमार्क
अगर आप किसी प्लेटफॉर्म पर अपनी फोटो और वीडियो शेयर करते हैं तो आपको वाटरमार्क के साथ ही पोस्ट करें। डिजिटल वाटरमार्क का इस्तेमाल डीपफेक से सुरक्षा देने में काफी असरदार माना गया है।
वेरिफिकेशन
टू स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल आपको डीपफेक स्कैम से बचाया सकता है इससे आपका सोशल अकाउंट अधिक सेफ हो जाता है।
सेफ्टी सॉफ्टवेयर
डीपफेक से बचने के लिए आपको अपने डिवाइस में एंटीवायरस और एंटी मैलवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए, ये आपको फिशिंग अटैक और स्कैम के लिए इस्तेमाल होने वाली लिंकों से बचाने का काम करता है।
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