भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में पुरुष 57 किग्रा भारवर्ग फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कांस्य पदक जीता है। यह ओलंपिक इतिहास में रेसलिंग में भारत को मिला 8वां पदक है। खास बात यह है कि भारत 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद से लगातार इन खेलों में रेसलिंग मेडल जीत रहा है।
रेसलिंग ओलंपिक में भारत का दूसरा सबसे सफल स्पोर्ट्स बन चुका है। ओलंपिक में हॉकी में भारत ने सर्वाधिक 13 पदक जीते हैं। रेसलिंग में अब लगातार ओलंपिक मेडल आ रहे हैं। अभी तक ओलंपिक में रेसलिंग में भारत द्वारा जीते गए पदक निम्नलिखित हैं।
भारत के लिए ओलंपिक में रेसलिंग में सबसे पहला पदक 1952 में हेलसिंकी में केडी जाधव ने जीता था। अमन सहरावत की तरह केडी जाधव को भी 57 किग्रा भारवर्ग में यह मेडल मिला था। केडी जाधव को प्यार से ‘पॉकेट डायनेमो’ कहकर पुकारा जाता था।
इसके बाद भारत को 56 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने 66 किग्रा पुरुष फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
सुशील कुमार ने इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में भी इसी भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने थे।
लंदन ओलंपिक में भारत ने कुल 6 मेडल जीते थे। कुश्ती में 60 किग्रा भारवर्ग में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक हासिल किया था। चार साल बाद, योगेश्वर दत्त के पदक को सिल्वर मेडल में अपग्रेड कर दिया गया था। असल में लंदन ओलंपिक में इस इवेंट के सिल्वर मेडलिस्ट पहलवान का मेडल प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन के कारण छीन लिया गया था।
2016 में रियो ओलंपिक में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने 58 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। साक्षी मलिक रेसलिंग में मेडल लेकर आने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
2020 में टोक्यो में रवि दहिया ने 57 किग्रा भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता था। खास बात यह है कि पेरिस ओलंपिक के मेडलिस्ट अमन सहरावत रवि दहिया को अपना गुरु मानते हैं। रवि इस बार ओलंपिक में क्वालीफाई नहीं कर सके थे, लेकिन उनके शिष्य ने उनके ही भारवर्ग में मेडल जीतकर ओलंपिक में रेसलिंग मेडल जीतने की परंपरा को टूटने नहीं दिया।
2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत को रेसलिंग में बजरंग पूनिया ने भी एक कांस्य पदक दिलाया था। पूनिया 65 किग्रा भारवर्ग में खेले थे। पूनिया पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थे।
2024 में पेरिस ओलंपिक में अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता।सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज पर 13-5 से जीत दर्ज की। इस प्रक्रिया में, सहरावत 21 साल 0 महीने और 24 दिन की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बन गए।