उत्तर-पश्चिम जिले की फॉरनर सेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 66 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को डिटेन किया है। ये सभी हाल ही में हरियाणा से पहचान बदलकर दिल्ली में शरण लेने पहुंचे थे।
डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि हरियाणा में पुलिस की सख्त मुहिम से बचने के लिए ये लोग दिल्ली आए और वजीरपुर जेजे कॉलोनी, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर, और महेंद्रा पार्क जैसे इलाकों में अलग-अलग ग्रुप बनाकर रहने लगे।
11 परिवारों के 66 सदस्य, 30 मासूम बच्चे भी शामिल
इस ऑपरेशन में पकड़े गए 66 लोगों में 20 पुरुष, 16 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं।
ये सभी बांग्लादेश के कुरिग्राम ज़िले (रंगपुर) के निवासी हैं। जांच में सामने आया कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन और बांग्लादेशी दस्तावेज़ जानबूझकर छिपा दिए थे।
IMO ऐप से करते थे विदेश में बात
फॉरनर सेल के मुताबिक ये सभी बांग्लादेशी प्रतिबंधित IMO ऐप के जरिए अपने देश में रिश्तेदारों और जानकारों से जुड़े रहते थे।
ऑपरेशन के दौरान इंस्पेक्टर विपिन कुमार, एसआई सपन, श्यामबीर, एएसआई विनय, और हेड कॉन्स्टेबल हवा सिंह, टीका राम, प्रवीण, कपिल, विकास, निशांत और दीपक की टीमें सादा कपड़ों में सक्रिय थीं।
पहले हरियाणा के भट्टों में करते थे मजदूरी
जांच में खुलासा हुआ कि ये लोग पहले हरियाणा के नूंह जिले में स्थित ईंट भट्टों पर मजदूरी कर रहे थे।
हरियाणा में कार्रवाई तेज़ होने के बाद 6 जून को ये लोग दिल्ली आकर दो ग्रुप में बंट गए, ताकि पुलिस की निगाहों से बच सकें।
ऐसे करते थे बॉर्डर पार
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, ये लोग बांग्लादेश से भारत की सीमा पार करने के लिए बिचौलियों को 1500 से 2500 रुपये तक चुकाते थे।
बॉर्डर पार कर ये लोग पहले पश्चिम बंगाल, फिर वहां से ट्रेन के जरिए दिल्ली और अन्य हिस्सों में पहुंचते थे।
यह भी पढ़ें: