थायराइड कंट्रोल के 5 देसी नुस्खे, जो हर युवा को पता होने चाहिए

आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी ने युवाओं को रफ्तार तो दी है, लेकिन सुकून छीन लिया है।
तनाव, नींद की कमी और खराब दिनचर्या के चलते अब युवाओं को पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा बीमारियां घेर रही हैं।
गैलप की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 30 साल से कम उम्र के लोग सबसे ज़्यादा दुखी और तनावग्रस्त पाए गए हैं।
इसी तनाव और हार्मोनल असंतुलन का सबसे आम रूप है — थायराइड।

थायराइड क्या है और क्यों होता है?
थायराइड एक ग्रंथि है जो मेटाबॉलिज्म और हार्मोन नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती है।
जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती तो शरीर में कई समस्याएं जन्म लेती हैं।

👉 थायराइड के मुख्य कारण:
लगातार मानसिक तनाव

बिगड़ी हुई जीवनशैली

आयोडीन की कमी

अनियमित खानपान

जेनेटिक कारण

एंटीडिप्रेसेंट या अन्य दवाओं का असर

डायबिटीज़ और मोटापा

शारीरिक व्यायाम की कमी

थायराइड के लक्षण क्या हैं?
अचानक घबराहट या चिंता

चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग

हृदय गति तेज़ होना

बालों का झड़ना

हाथ-पैरों में कंपकंपी

नींद में कमी या अनिद्रा

थकावट और शरीर में दर्द

चक्कर आना या सिर भारी रहना

थायराइड से जुड़ी गंभीर बीमारियां
गर्भधारण में परेशानी

हृदय रोग

डायबिटीज़

आर्थराइटिस

मोटापा और अस्थमा

स्किन एलर्जी और हेयर लॉस

यहां तक कि कैंसर तक का खतरा

थायराइड में क्या खाएं? (फायदेमंद आहार)
अलसी के बीज (Flax Seeds)

नारियल का तेल

मुलेठी

मशरूम

हल्दी वाला दूध

दालचीनी का सेवन

आयुर्वेद में थायराइड का उपचार
मुलेठी – हार्मोन बैलेंस करने में मदद करती है।

तुलसी + एलोवेरा जूस – रोज़ सुबह सेवन करें।

त्रिफला चूर्ण – रात को एक चम्मच गुनगुने पानी से लें।

अश्वगंधा और गर्म दूध – नींद सुधारता है और थायराइड नियंत्रित करता है।

धनिया बीज का पानी – बीज को पीसकर पानी में मिलाएं और सुबह पिएं।

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