कई लोगों को खाने के बाद डकार आना या पेट फूलना सामान्य समस्या लगती है, लेकिन अगर यह लगातार होता है, तो यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) जैसे गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। GERD तब होता है जब ग्रासनली के निचले हिस्से में स्थित मांसपेशी, जिसे लोअर इसोफेजियल स्फिंक्टर (LES) कहा जाता है, कमजोर हो जाती है या ठीक से बंद नहीं होती है। इससे पेट का एसिड वापस ग्रासनली में चला जाता है और जलन पैदा करता है, जिससे बार-बार डकार आती है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो GERD एसोफैगिटिस, स्ट्रिक्टर या बैरेट के एसोफैगस जैसी गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकता है, जो अंततः एसोफैगल कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
GERD के लक्षण
खाने के बाद सीने में जलन।
एसिड रिफ्लक्स के कारण मुंह में खट्टा स्वाद।
सीने में दर्द या बेचैनी का एहसास।
खाने के बाद जी मिचलाना और बीमार होने जैसा महसूस होना।
GERD से बचाव के उपाय
कम मात्रा में खाएं – ज्यादा खाना खाने से बचें। छोटे-छोटे लेकिन बार-बार भोजन करें, जिससे LES पर दबाव कम हो।
अनहेल्दी खाना से बचें – मसालेदार भोजन, खट्टे फल, चॉकलेट, कैफीन, और तला हुआ या वसायुक्त भोजन से बचें।
वजन को कंट्रोल में रखें – अधिक वजन पेट पर दबाव बढ़ा सकता है, जिससे GERD के लक्षण और बढ़ सकते हैं।
खाने के बाद लेटने से बचें – भोजन के बाद कम से कम 2-3 घंटे तक लेटने से बचें, ताकि भोजन सही से पच सके।
धूम्रपान और शराब का सेवन सीमित करें – धूम्रपान और शराब LES को कमजोर कर सकते हैं, जिससे एसिड रिफ्लक्स की संभावना बढ़ सकती है।
यह भी पढ़ें:
रोहित और यशस्वी की जोड़ी फ्लॉप, गिल-पंत का भी नहीं चला बल्ला