GBS से जुड़ी कब्ज और पेट की समस्याओं से छुटकारा पाने के 5 आसान उपाय

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो मांसपेशियों की कमजोरी, पैरालिसिस और ऑटोनोमिक डिसफंक्शन का कारण बनती है। यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, जिनमें डाइजेशन भी शामिल है। GBS से संबंधित एक आम समस्या कब्ज और आंतों की बीमारी है, जो आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है। दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. विकास जिंदल ने बताया कि गिलियन-बैरे सिंड्रोम कैसे कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

क्यों हो सकती है पेट की समस्या?
मांसपेशियों की कमजोरी के कारण शरीर लंबे समय तक एक्टिव न रहने से कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। GBS के इलाज में अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जैसे कि ओपिओइड और एंटीकोलिनर्जिक, आंतों की गतिविधियों को धीमा कर सकती हैं। गंभीर मामलों में फेकल इम्पैक्शन या पैरालिटिक इलियस जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें डॉक्टर के उपचार की आवश्यकता होती है।

कैसे करें बचाव?
डॉ. ने बताया कि इससे बचने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी है। कुछ मामलों में मल को नरम करने वाली दवाएं, जुलाब या एनीमा की आवश्यकता हो सकती है, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा, पेट की मालिश और फिजियोथेरेपी भी फायदेमंद हो सकती है। न्यूरोलॉजिस्ट, डाइटिशियन और फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से एक अच्छा रूटीन तैयार किया जा सकता है, जो आपको GBS के दौरान पेट की समस्याओं से बचाए रखेगा और आप इस बीमारी से जल्दी ठीक हो सकते हैं।

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