नेपाल में जून में मानसून आने के बाद से जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) वायरस से बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई और 59 लोग संक्रमित हुए हैं।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, काठमांडू घाटी सहित 29 जिलों में खतरनाक वायरस से संक्रमण की सूचना मिली है, जिनमें से आठ जिलों कैलाली, कपिलवस्तु, पाल्पा, चितवन, रौतहट, सरलाही, सिराहा और सुनसारी में संक्रमण से 12 लोगों की मौतों की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य सेवा विभाग में परिवार कल्याण प्रभाग के निदेशक डॉ. बिबेक कुमार लाल ने कहा, “जेई वायरस के फैलने के लिए सितंबर और अक्टूबर चरम महीने हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने पहले से ही निगरानी बढ़ा दी है और वायरस के संक्रमण प्रसार चक्र को तोड़ने के लिए तैयारी कर ली है।” जापानी इंसेफलाइटिस वायरस के कारण होने वाला एक मस्तिष्क संक्रमण है, जो पूरे एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में फैला हुआ है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को डेंगू, जीका, येलो फीवर और वेस्ट नाइल वायरस के साथ मच्छर जनित फ्लेविवायरस के रूप में वर्गीकृत किया है।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, यह वायरस संक्रमित होने वाले एक-तिहाई लोगों को मार देता है और जो बच जाते हैं उनमें से कुछ व्यक्ति गंभीर अपंगता के शिकार हो जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष जेई वायरस से मृत्यु दर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
गौरतलब है कि 2005 में, नेपाल में इस संक्रमण से दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर तराई जिलों के युवा थे।
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