संसद के ऊपरी सदन में रिक्त सीटों के लिए हुए चुनाव में 12 उम्मीदवार निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इनमें भाजपा के नौ, एनडीए के दो सहयोगी और कांग्रेस का एक उम्मीदवार शामिल है।
संसद के ऊपरी सदन में भाजपा की संख्या बढ़ने और उसके सहयोगी दलों के भी मजबूत होने के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास अब बहुमत है। इस बढ़त से सत्तारूढ़ गठबंधन को विधेयकों को आसानी से पारित कराने में मदद मिलेगी।
निर्विरोध चुने गए लोगों में राजस्थान से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन शामिल हैं। इसके अलावा, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
भाजपा के अन्य निर्विरोध उम्मीदवारों में असम से रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, महाराष्ट्र से धीर्यशील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता और त्रिपुरा से राजीब भट्टाचार्य शामिल हैं।
एनसीपी नेता नितिन पाटिल भी महाराष्ट्र से और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाह बिहार से निर्वाचित हुए हैं। एनसीपी और आरएलएम दोनों एनडीए के अंतर्गत आते हैं।
राज्यसभा के नतीजों से पहले एनडीए के पास मनोनीत सदस्यों सहित 110 सांसदों का समर्थन था। यह संख्या अब बढ़कर 121 हो गई है। संसद के ऊपरी सदन में अब 237 सदस्य हैं, इसलिए बहुमत का आंकड़ा 119 है। जम्मू-कश्मीर से चार सहित आठ रिक्तियां हैं।
परिणाम के बाद, राज्यसभा में एनडीए के मजबूत बहुमत से भाजपा को संसद के ऊपरी सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे प्रमुख विधेयकों को आसानी से पारित कराने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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